About Puja
देवी सूक्त का उल्लेख ऋग्वेद के दशम मण्डल के 125 वें सूक्त में प्राप्त होता है। इस सूक्त में पराम्बा जगत्जननी के अर्चन के साथ ही देवीसूक्त के पाठ की महिमा का भी वर्णन करता है। इस सूक्त में अम्भृण ऋषि की पुत्री वाक् ब्रह्म साक्षात्कार से पूर्ण होकर अपनी सर्वात्म द्रष्टि को व्यक्त कर रही हैं। ब्रह्मवेत्ता अर्थात् ब्रह्म को जानने वाले का ब्रह्म से तादात्म्य सम्बन्ध होता है। इसी आशय से सर्व आत्मा के स्वरुप में यह सूक्त वर्णित है। इस सूक्त का पाठ करने से साधक को सर्व मनोरथों की प्राप्ति होती है तथा जगत्जननी की शरणागति प्राप्त होती है। देवी सूक्त में देवी के शक्ति, प्रेम, करुणा और समृद्धि का बखान किया गया है। ये मंत्र न केवल भौतिक सुख की प्राप्ति में सहायक होते हैं, बल्कि व्यक्ति के आंतरिक जागरण और आत्मिक शक्ति के जागरण में भी सहायता करते हैं।
Process
- स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
- पूजा सङ्कल्प
- गणेश गौरी पूजन
- कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
- पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
- षोडशमातृका पूजन
- सप्तघृतमातृका पूजन
- आयुष्यमन्त्रपाठ
- सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
- नवग्रह मण्डल पूजन
- अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
- पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन
- रक्षाविधान आदि
- प्रधान देवता पूजन
- पंचभूसंस्कार
- अग्नि स्थापन
- ब्रह्मा वरण
- कुशकण्डिका
- आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
- घृताहुति
- मूलमन्त्र आहुति
- चरुहोम
- भूरादि नौ आहुति
- स्विष्टकृत आहुति
- पवित्रप्रतिपत्ति
- संस्रवप्राशन
- मार्जन
- पूर्णपात्र दान
- प्रणीता विमोक
- मार्जन
- बर्हिहोम
- पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन आदि
Benefits
देवी सूक्त के पाठ से विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं जिनसे व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है-
- शक्ति एवं साहस में वृद्धि :- देवी की उपासना से व्यक्ति में आंतरिक शक्ति और साहस का संचार होता है, जिससे वह जीवन की कठिनाइयों का सामना कर सकता है।
- मानसिक शांति और संतुलन :- यह सूक्त मानसिक शांति और संतुलन की प्राप्ति में सहायक होता है।
- धन-संपत्ति में वृद्धि :- देवी की उपासना से घर में धन और समृद्धि का वास होता है।
- बाधाओं और समस्याओं से मुक्ति :- देवी सूक्त का जाप जीवन की बाधाओं और समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार :- देवी सूक्त के जाप से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो परिवार में प्रेम और सामंजस्य बनाए रखता है।
- कामादि दोषों का शमन :- इस सूक्त के पाठ प्रभाव से कामादि दोषों का शमन होता है।
- वाक् सिद्धि :- सभी नियमों का पालन करते हुए जो साधक इस सूक्त का पाठ करता है उसे वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है।
Puja Samagri
रोली, कलावा ,सिन्दूर, लवङ्ग ,इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर ,गुलाल, अभ्रक ,गङ्गाजल, गुलाबजल ,इत्र, शहद ,धूपबत्ती,रुई ,यज्ञोपवीत, देशी घी,कपूर ,माचिस,दोना बड़ा साइज ,पञ्चमेवा,गरी गोला,चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का , सप्तमृत्तिका ,सर्वोषधि,पीला कपड़ा सूती , काला तिल, हवन सामग्री, घी,गुग्गुल,चावल ,गुड़ (बूरा या शक्कर),बलिदान हेतु पापड़,काला उडद ,नवग्रह समिधा, कमलगट्टा,हवन समिधा घृत पात्र,कुशा,वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1,