About Puja

लम्बोदर,विघ्नेश, वक्रतुण्ड इत्यादि भगवान् गणेश के ही उपनाम हैं। वैदिक देवता के स्वरुप में भगवान् गणेश ही “ब्रह्मणस्पति” के स्वरुप में प्रतिष्ठित होते हैं। ऋग्वेद प्राचीन भाष्यकार आचार्य सायण जी अपने ऋग्वेदभाष्य के प्रारम्भ में लिखते हैं –           विघ्नेश विधिमार्तण्ड चन्द्रेन्द्रोपेन्द्रवन्दित । 
                            नमो गणपते तुभ्यं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पते ।। 

अर्थात् भगवान् गणेश ब्रह्मा,विष्णु,रूद्र, चन्द्र, इन्द्र तथा विष्णु के द्वारा पूजनीय हैं। हे गणपति गणेश ! मन्त्रों के स्वामी ब्रह्मणस्पति ! आपको नमस्कार है

वेदों में ब्रह्मणस्पति के विभिन्न सूक्त प्राप्त होते हैं उन्हीं सूक्तों में ऋग्वेद के प्रथम मण्डल का 40वाँ सूक्त सूक्त जिसे “ब्रह्मणस्पति सूक्त” कहलाता है। इस  सूक्त के ऋषि “कण्वघोर” हैं।

ब्रह्मणस्पति सूक्त के मन्त्र वेदों में निहित हैं। जिनका पाठ एवं श्रवण उपासक को धार्मिक साधना के साथ मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रवृत करते हैं।

Process
  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं  पूजन 
  13. रक्षाविधान आदि
  14. प्रधान देवता पूजन
  15. पंचभूसंस्कार
  16. अग्नि स्थापन
  17. ब्रह्मा वरण 
  18. कुशकण्डिका
  19. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  20. घृताहुति
  21. मूलमन्त्र आहुति 
  22. चरुहोम
  23. भूरादि नौ आहुति
  24. स्विष्टकृत आहुति
  25. पवित्रप्रतिपत्ति
  26. संस्रवप्राशन 
  27. मार्जन
  28. पूर्णपात्र दान
  29. प्रणीता विमोक
  30. मार्जन 
  31. बर्हिहोम 
  32. पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits

ब्रह्मणस्पति सूक्त का नियमित जाप और पूजा करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त हो सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभों की सूची दी गई है:

  1. ज्ञान और शिक्षा की प्राप्ति : इस सूक्त पाठ का पाठ करने से उपासक को मानसिक शांति एवं शिक्षा क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
  2. यश प्राप्ति :- इस सूक्त पाठ के प्रभाव से उपासक को अक्षुण्य यश एवं कीर्ति की प्राप्ति होती है
  3. आर्थिक समृद्धि में वृद्धि :- आर्थिक समृद्धि और सफलता के लिए ब्रह्मणस्पति की पूजा लाभकारी होती है।
  4. धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति: इस पूजा से व्यक्ति की धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है, जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
  5. शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि: ब्रह्मणस्पति देवता की उपासना से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है तथा आंतरिक शक्ति का विकास होता है।
  6. संकटों से मुक्ति :- इस सूक्त का पाठ संकटों और बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी , हल्दी, अबीर ,गुलाल, अभ्रक ,गङ्गाजल, गुलाबजल ,इत्र, शहद ,धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई ,यज्ञोपवीत, पीला सरसों ,देशी घी, कपूर ,माचिस, जौ ,दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा , सफेद चन्दन, लाल चन्दन ,अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला ,चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री ,पीला कपड़ा सूती,काला तिल, चावल, कमलगट्टा,हवन सामग्री, घी,गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), पान पत्ता, बलिदान हेतु पापड़, काला उडद , हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच , नवग्रह समिधा, हवन समिधा , घृत पात्र, कुश, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 05, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला -5( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव – 2, थाली - 2 , कटोरी - 5 ,लोटा - 2 , चम्मच - 2 आदि , अखण्ड दीपक -1, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित , पानी वाला नारियल, देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा , धोती  आदि , बैठने हेतु दरी,चादर,आसन , गोदुग्ध,गोदधि

सनातन आपके लिए पूर्ण पूजा विधि का पालन करता है। हम विशेषज्ञ पंडितजी द्वारा पूजा का आयोजन करते हैं, जिसमें ब्रह्मणस्पति सूक्त का उच्चारण और पूजा शामिल है।

हां, ब्रह्मणस्पति सूक्त का नियमित या अनुष्ठात्मक पाठ और पूजा आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है, जैसे कि ज्ञान में वृद्धि, आर्थिक समृद्धि, और मानसिक शांति।

हाँ, पूजा के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है । सामग्री की सूची हम आपको प्रदान करते हैं। यह विकल्प आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।

हां, आप सरलता से सनातन के साथ जुड़ सकते हैं। सनातन द्वारा ऑनलाइन पूजा सेवाएं दी जाती हैं। आप हमारे वेबसाइट से आसानी से पूजा के लिए पंजीकरण कर सकते हैं और हमारे पंडितों द्वारा पूजा करवाने का लाभ उठा सकते हैं।

पूजा के बाद कोई विशेष उपाय करने की आवश्यकता नहीं होती है, हालांकि हम कुछ साप्ताहिक या मासिक उपायों की सलाह देते हैं जो आपके जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं।

About Puja

लम्बोदर,विघ्नेश, वक्रतुण्ड इत्यादि भगवान् गणेश के ही उपनाम हैं। वैदिक देवता के स्वरुप में भगवान् गणेश ही “ब्रह्मणस्पति” के स्वरुप में प्रतिष्ठित होते हैं। ऋग्वेद प्राचीन भाष्यकार आचार्य सायण जी अपने ऋग्वेदभाष्य के प्रारम्भ में लिखते हैं –           विघ्नेश विधिमार्तण्ड चन्द्रेन्द्रोपेन्द्रवन्दित । 
                            नमो गणपते तुभ्यं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पते ।। 

अर्थात् भगवान् गणेश ब्रह्मा,विष्णु,रूद्र, चन्द्र, इन्द्र तथा विष्णु के द्वारा पूजनीय हैं। हे गणपति गणेश ! मन्त्रों के स्वामी ब्रह्मणस्पति ! आपको नमस्कार है

वेदों में ब्रह्मणस्पति के विभिन्न सूक्त प्राप्त होते हैं उन्हीं सूक्तों में ऋग्वेद के प्रथम मण्डल का 40वाँ सूक्त सूक्त जिसे “ब्रह्मणस्पति सूक्त” कहलाता है। इस  सूक्त के ऋषि “कण्वघोर” हैं।

ब्रह्मणस्पति सूक्त के मन्त्र वेदों में निहित हैं। जिनका पाठ एवं श्रवण उपासक को धार्मिक साधना के साथ मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रवृत करते हैं।

Process
  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं  पूजन 
  13. रक्षाविधान आदि
  14. प्रधान देवता पूजन
  15. पंचभूसंस्कार
  16. अग्नि स्थापन
  17. ब्रह्मा वरण 
  18. कुशकण्डिका
  19. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  20. घृताहुति
  21. मूलमन्त्र आहुति 
  22. चरुहोम
  23. भूरादि नौ आहुति
  24. स्विष्टकृत आहुति
  25. पवित्रप्रतिपत्ति
  26. संस्रवप्राशन 
  27. मार्जन
  28. पूर्णपात्र दान
  29. प्रणीता विमोक
  30. मार्जन 
  31. बर्हिहोम 
  32. पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits

ब्रह्मणस्पति सूक्त का नियमित जाप और पूजा करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त हो सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभों की सूची दी गई है:

  1. ज्ञान और शिक्षा की प्राप्ति : इस सूक्त पाठ का पाठ करने से उपासक को मानसिक शांति एवं शिक्षा क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
  2. यश प्राप्ति :- इस सूक्त पाठ के प्रभाव से उपासक को अक्षुण्य यश एवं कीर्ति की प्राप्ति होती है
  3. आर्थिक समृद्धि में वृद्धि :- आर्थिक समृद्धि और सफलता के लिए ब्रह्मणस्पति की पूजा लाभकारी होती है।
  4. धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति: इस पूजा से व्यक्ति की धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है, जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
  5. शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि: ब्रह्मणस्पति देवता की उपासना से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है तथा आंतरिक शक्ति का विकास होता है।
  6. संकटों से मुक्ति :- इस सूक्त का पाठ संकटों और बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक है।

Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी , हल्दी, अबीर ,गुलाल, अभ्रक ,गङ्गाजल, गुलाबजल ,इत्र, शहद ,धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई ,यज्ञोपवीत, पीला सरसों ,देशी घी, कपूर ,माचिस, जौ ,दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा , सफेद चन्दन, लाल चन्दन ,अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला ,चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री ,पीला कपड़ा सूती,काला तिल, चावल, कमलगट्टा,हवन सामग्री, घी,गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), पान पत्ता, बलिदान हेतु पापड़, काला उडद , हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच , नवग्रह समिधा, हवन समिधा , घृत पात्र, कुश, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 05, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला -5( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव – 2, थाली - 2 , कटोरी - 5 ,लोटा - 2 , चम्मच - 2 आदि , अखण्ड दीपक -1, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित , पानी वाला नारियल, देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा , धोती  आदि , बैठने हेतु दरी,चादर,आसन , गोदुग्ध,गोदधि

सनातन आपके लिए पूर्ण पूजा विधि का पालन करता है। हम विशेषज्ञ पंडितजी द्वारा पूजा का आयोजन करते हैं, जिसमें ब्रह्मणस्पति सूक्त का उच्चारण और पूजा शामिल है।

हां, ब्रह्मणस्पति सूक्त का नियमित या अनुष्ठात्मक पाठ और पूजा आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है, जैसे कि ज्ञान में वृद्धि, आर्थिक समृद्धि, और मानसिक शांति।

हाँ, पूजा के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है । सामग्री की सूची हम आपको प्रदान करते हैं। यह विकल्प आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।

हां, आप सरलता से सनातन के साथ जुड़ सकते हैं। सनातन द्वारा ऑनलाइन पूजा सेवाएं दी जाती हैं। आप हमारे वेबसाइट से आसानी से पूजा के लिए पंजीकरण कर सकते हैं और हमारे पंडितों द्वारा पूजा करवाने का लाभ उठा सकते हैं।

पूजा के बाद कोई विशेष उपाय करने की आवश्यकता नहीं होती है, हालांकि हम कुछ साप्ताहिक या मासिक उपायों की सलाह देते हैं जो आपके जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं।
No_images

ब्रह्मणस्पति सूक्त पाठ एवं पूजा

सूक्त पाठ एवं हवन | Duration : 3 Hours
Price : ₹ 3100 onwards
Price Range: 3100 to 0

img img

पूजा, मुहूर्त या परामर्श के लिए हमसे जुड़ें

शुभ मुहूर्त, अनुष्ठान या आध्यात्मिक समस्याओं पर विशेषज्ञ सलाह प्राप्त करें।
हमारे अनुभवी पंडितों से जुड़ें।

whatsapp