About Puja

सनातन हिन्दू परम्परा में पूजा पाठ का अपना एक विशेष महत्व है। देवपूजा, पाठ, हवन, व्रत, ब्राह्मण भोजन आदि करने एवं कराने से पाप,ताप,तथा तथा समस्त दोषों से निवृत्ति होती है,तथा सर्वविध कल्याण की प्राप्ति भी होती है। इसलिए लोग बच्चे के जन्म से लेकर गृहनिर्माण पर्यन्त तथा नवीन वस्तुओं के वाहनों आदि को खरीदने के बाद विधिवत् पूजन करते एवं कराते हैं। पूजनोपरान्त ही घर में प्रवेश करना, वाहन चलाना आदि क्रियाओं को करना शुभ माना जाता हैं।

नवीन वाहन की पूजा कराने के उपरान्त ही उसका प्रयोग करना चाहिये। ऐसा करने से ही वह वाहन सुखप्रद होता है, तथा वाहन से होने वाले अकस्मात् घटनाओं एवं कष्टों की निवृत्ति होती है। क्रय के पश्चात् नवीन वाहन की पूजा कराना अत्यावश्यक है। हमारे धर्मशास्त्रों के अनुसार पूजा करवाने से वाहन से सम्बन्धित दोष तथा नजर आदि से सुरक्षा मिलती है। पूजा के प्रभाव से वाहन आदि से होने वाले कष्टों अथवा जटिल  परिस्थितियों का  सामना व्यक्ति को नहीं करना पड़ता है।

नवीन वाहन की क्रयण तथा पूजा सदैव शुभ मुहुर्त में ही करवानी चाहिए। ऐसा करने से वह वाहन सदैव शुभता का प्रतीक रहता है तथा भयावह परिस्थितियों से रक्षा करता है।
 

Process

नवीन वाहन पूजा में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान, 
Benefits

वाहन पूजा कराने के लाभ:-

  • वाहन का पूजन कराने से अकस्मात् घटनाओं से सुरक्षा प्रदान होती है।
  • यह परिवहन के व्यवसाय में अधिक से अधिक सफलता और सौभाग्य की प्राप्ति कराता है।
  • वाहन आरामदायक रहे इसके निमित्त भगवान के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए वाहन की पूजा करना अत्यावश्यक होता है।
  • वाहन के आराध्य देव विश्वकर्मा के पूजन से समस्त दुष्प्रभावों से रक्षा प्राप्त होती है।
  • इस पूजा के प्रभाव से सौभाग्य, सन्तति, धन-धान्य और समृद्धि आदि की भी प्राप्ति होती है।
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  1.   रोली , सिन्दूर
  2.   चन्दन ,अक्षत
  3.   हल्दी, अबीर
  4.   गुलाल,
  5.   इत्र, लौंग
  6.   इलायची, सुपारी
  7.   कलावा
  8.   धूपबत्ती, रुई बत्ती
  9.   दियाली, कपूर 
  10.   गंगाजल, माचिस
  11.   भोग प्रसाद

No FAQs Available

About Puja

सनातन हिन्दू परम्परा में पूजा पाठ का अपना एक विशेष महत्व है। देवपूजा, पाठ, हवन, व्रत, ब्राह्मण भोजन आदि करने एवं कराने से पाप,ताप,तथा तथा समस्त दोषों से निवृत्ति होती है,तथा सर्वविध कल्याण की प्राप्ति भी होती है। इसलिए लोग बच्चे के जन्म से लेकर गृहनिर्माण पर्यन्त तथा नवीन वस्तुओं के वाहनों आदि को खरीदने के बाद विधिवत् पूजन करते एवं कराते हैं। पूजनोपरान्त ही घर में प्रवेश करना, वाहन चलाना आदि क्रियाओं को करना शुभ माना जाता हैं।

नवीन वाहन की पूजा कराने के उपरान्त ही उसका प्रयोग करना चाहिये। ऐसा करने से ही वह वाहन सुखप्रद होता है, तथा वाहन से होने वाले अकस्मात् घटनाओं एवं कष्टों की निवृत्ति होती है। क्रय के पश्चात् नवीन वाहन की पूजा कराना अत्यावश्यक है। हमारे धर्मशास्त्रों के अनुसार पूजा करवाने से वाहन से सम्बन्धित दोष तथा नजर आदि से सुरक्षा मिलती है। पूजा के प्रभाव से वाहन आदि से होने वाले कष्टों अथवा जटिल  परिस्थितियों का  सामना व्यक्ति को नहीं करना पड़ता है।

नवीन वाहन की क्रयण तथा पूजा सदैव शुभ मुहुर्त में ही करवानी चाहिए। ऐसा करने से वह वाहन सदैव शुभता का प्रतीक रहता है तथा भयावह परिस्थितियों से रक्षा करता है।
 

Process

नवीन वाहन पूजा में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान, 
Benefits

वाहन पूजा कराने के लाभ:-

  • वाहन का पूजन कराने से अकस्मात् घटनाओं से सुरक्षा प्रदान होती है।
  • यह परिवहन के व्यवसाय में अधिक से अधिक सफलता और सौभाग्य की प्राप्ति कराता है।
  • वाहन आरामदायक रहे इसके निमित्त भगवान के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए वाहन की पूजा करना अत्यावश्यक होता है।
  • वाहन के आराध्य देव विश्वकर्मा के पूजन से समस्त दुष्प्रभावों से रक्षा प्राप्त होती है।
  • इस पूजा के प्रभाव से सौभाग्य, सन्तति, धन-धान्य और समृद्धि आदि की भी प्राप्ति होती है।

Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  1.   रोली , सिन्दूर
  2.   चन्दन ,अक्षत
  3.   हल्दी, अबीर
  4.   गुलाल,
  5.   इत्र, लौंग
  6.   इलायची, सुपारी
  7.   कलावा
  8.   धूपबत्ती, रुई बत्ती
  9.   दियाली, कपूर 
  10.   गंगाजल, माचिस
  11.   भोग प्रसाद

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वाहन

नवीन वाहन पूजा

स्मार्त यज्ञ | Duration : 1 Hour
Price : ₹ 2100 onwards
Price : 2100

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